- तुम मेरे साथ / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- एक अकेला / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- तुमसे अक्सर / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- हां !! मुझे याद हैं / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- तुमसे मिलकर / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- सवालों का बोझ / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- तुम जो हासिये पर / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- तुमने अबोले नयनों से जो बोला / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- चिंतन की सिगड़ी पे प्रीत का भगौना / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- मृत्यु…!! / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- एक किताब / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- मेरे प्रथम गीत में मधुता / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- अनचेते अमलतास / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- प्राप्ति और प्रतीति / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- गुमशुदा मानसून / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- द्रोण / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- कोई उदास था / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
- उनको यक़ीन हो कि न हो हैं हम तो बेक़रार / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'
Wednesday, November 21, 2012
मेरी कविताएं : कविताकोश में
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ReplyDeleteएक अकेला
कँवल ताल में
संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,
तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ ... है
तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल
कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है ,
उसे दर्द क्या ?
कौन सोचता !!
वाह बहुत खूब